आईपीएस (IPS) ऑफिसर बनने के लिए कितने मौके मिलते है की पूरी जानकारी

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आईपीएस (IPS) ऑफिसर बनने के लिए कितने मौके मिलते है

आज के इस आर्टिकल हम जानेंगे कि आईपीएस बनने के लिए कितने मौके मिलते हैं? यानी कि आईपीएस बनने का जो एग्जाम होता है जो यूपीएससी सिविल सर्विसेज होता है उसे कौन कितनी बार दे सकता है। अलग-अलग कैटेगरी के लिए अलग-अलग क्राइटेरिया है। आपको इस पोस्ट में सभी का डिटेल पता चल जाएगा।

अगर आप जानना चाहते हैं कि आईपीएस बनने के लिए, अपना सपना पूरा करने के लिए कितने मौके मिलेंगे तो इस पोस्ट को रांची तक जरूर करें।

आईपीएस का फुल फॉर्म है इंडियन पुलिस सर्विस। बहुत सारे स्टूडेंट का सपना होता है कि वह पाढ़-लिख कर IPS बने। लेकिन आप सभी को पता ही होगा कि आईपीएस बनने के लिए या फिर कोई भी सरकारी जॉब हासिल करने के लिए एग्जाम देना पड़ता है। उस चीज के लिए बहुत सारे लोग कंपटीशन करते हैं इसलिए एग्जाम होते हैं। जो सबसे अच्छे होते हैं, जो सबसे स्मार्ट होते हैं, जो सबसे इंटेलिजेंट कैंडिडेट होते हैं, उन्हीं को वह जॉब मिले जो उससे डिजर्व करते हैं। तो इसीलिए एग्जाम लिया जाता है।

उसी तरीके से आईपीएस बनने के लिए भी आपको एग्जाम देना पड़ता है और यह एग्जाम होता है यूपीएससी सीएससी सिविल सर्विसेज का। यूपीएससी सिविल सर्विसेज में कई सारे जॉब आते हैं। अगर आपको आईपीएस बनना है तो आपको इस एग्जाम में बहुत अच्छी रैंक लानी पड़ेगी तभी आप एक आईपीएस ऑफिसर बन पाएंगे।

यूपीएससी सिविल सर्विसेज के एग्जाम में तीन चरण होते है   –

  • पहला प्रारंभिक परीक्षा जिसे प्रीलिम्स बोला जाता है
  • उसके बाद मेंस एग्जाम 
  • उसके बाद इंटरव्यू होता है। 

जो कैंडिडेट प्रारंभिक परीक्षा देते हैं। उसे वह क्लियर कर लेते हैं तो वह मेंस एग्जाम के लिए एलिजिबल हो जाते हैं। मेंस एग्जाम पास करने के बाद उनका इंटरव्यू होता है। अगर उन्होंने अच्छी तरीके से इंटरव्यू भी क्लियर कर लिया तो सभी के मार्क्स जोड़कर मेरिट बनाई जाती है। जो कैंडिडेट मेरिट में अच्छे रैंक लाते हैं उनका सिलेक्शन हो जाता है। वह आईपीएस ऑफिसर बन जाते हैं। 

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आईपीएस ऑफिसर बनने के लिए कितने मौके मिलते हैं?

अब जानते हैं कि UPSC एग्जाम में बैठने के लिए कितने मौके मिलेंगे। कौन कितने बार इस परीक्षा को दे सकता है?

इसमें अलग-अलग कैटेगरी के अनुसार नंबर ऑफ टेंसेस घटता और बढ़ता है।

अगर आप General केटेगरी से हैं तो आपको 6 बार मौके मिलेंगे। 21 साल से लेकर 32 साल के बीच आप 6 बार यूपीएससी का एग्जाम दे सकते हैं।

अगर आप OBC के कैंडिडेट है तो 21 साल से लेकर 35 साल के बीच में आपको पूरे 9 बार चेंज मिलेगा इस एग्जाम को देने के लिए।

अगर आप SC और ST कैटेगरी के कैंडिडेट है तो 21 साल से लेकर 37 साल तक आप जितना मर्जी उतना एग्जाम दे सकते हैं।

कहने का यह मतलब है कि आपको यह चीज है ध्यान में रखनी चाहिए कि अगर आप जनरल कैंडिडेट है तो आपको 6 बार मौके मिलेंगे। अगर आप ओबीसी कैंडिडेट है तो आपको 9 बार मौके मिलेंगे और अगर आप एससी और एसटी कैटेगरी में आते हैं तो तो आपको 21 साल से लेकर 37 साल के बीच में जितनी है यानी कि 16-17 बार एग्जाम दे सकते हैं।

यह चीज आप अपने दिमाग में रखिए और उसी अकॉर्डिंग आप अपनी तैयारी कीजिए। भले ही आप 6 मौके मिल रहे हैं या 9 मौके मिल रहे हैं लेकिन आप उतना मौका लेने की कोशिश मत कीजिए। आप सोचिए कि आप पहली बार में, दूसरी बार में, तीसरी बार में ही ज्यादा से ज्यादा सेलेक्शन ले ले। इसके लिए आपको अच्छी तरीके से तैयारी करनी पड़ेगी। अच्छी तरीके से बहुत मेहनत करके पढ़ाई करनी पड़ेगी तभी आपका यह सपना पूरा हो सकता है।

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